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Dost ke Bibi se pyar || real sex story

Mere pyare dosto aap sabse sath mai apne dost ke bibi ki hawas ki kahani sunane ja rha hu ...

यह कहानी मेरे best friend की है,जिसके बीबी को मैं अपना पत्नी बनाया और मिटा लिया जिस्म की गर्मी।..

इसी के साथ मैं इस कहानी को आगे डकेलता हु,आगे की कहानी आपके साथ ....…

 उसका छोटा सा परिवार था,जिसमे उसके मॉम ~डैड लकी उसकी एक छोटी बहन सीमा ऐसा ही  उसका परिवार था ।

इसी बीच मेरे दोस्त लकी की सादी रेखा से हो गई ।रेखा क्या गज़ब की खूबसूरत थी ,पता नही लकी ने क्या पुण्य किया था ,जो उसे ऐसी मॉल मिली।
उसका रंग रूप देख मन में लड्डू फुटने लगते,उसका फिगर गोरा बदन कमर तक लंबी रेशमी बाल , गुलाबी गाल ,जब भी हस्ती गालों पर डिंपल,रसीली होंठ,
34~36~34 टाइट मस्त शरीर , देख कर दिल में हलचल होने लगे ।

ऐसे में मेरा दोस्त लकी अपनी बीबी रेखा के साथ कुछ हप्ते ही अपना प्यार बाट पाए की उसका बुलावा आ गया । बेचारा लकी भी क्या करता ।अगले ही हफ्ते निकल गया । 
अब वह फोन पर ही प्यार करते , नोकरी ऐसी की 6 महीने में एक बार छुट्टी मिले ।

अब अंकल और आंटी जो भी जरूरत होती बोल देते,मुझे अच्छा भी लगता मेरा भी एक छोटा सा दुकान था ।जिससे मैं खुश था ।
मैं जब भी लक्की के घर जाता तो रेखा मुझे बिठाती और खूब सारी बाते करती,

Ritu को मुझसे प्यार हो गया था,पर वह मुझसे बोले नही पा रही थी,और मुझे तो वह पहले से ही पसंद हु।
मैं जब भी नजारे छिपा कर रेखा को देखता तो पता चलता की कही वह मुझे भी देख रही होती है।
जब भी मेरा नजर उसके नजरो से मिलता तो वह शर्मा जाती।


अब मैं रेखा से अपनी दिल की बात घुमा फिरा के बोल भी देता 


अब लकी भी कॉल करके बोलता रहता । घर पर देख लेना किसी चीज की जरूरत तो नही है न ।


एक दिन की बात है , रितु परेशान थी मैं पूछा रितु क्या हुआ ,क्या बात है ?
रितु बोली देखो ना लकी को गए हुआ 3 महीने से ऊपर हो गया ,मैं भी एक औरत हु मेरी भी कुछ जरुरते है,मैभी चाहती हू की कोई मुझे भी प्यार करे।.....

मैं इतना सुनते ही रहा नही गया बोल पड़ा मैं हु न प्यार करने के लिए अच्छा आप मुझे प्यार करोगे क्यू नहीं ।
मैं आपसे बहुत प्यार करता हु पर डरता था,की कही आप लकी से बोल दोगी तो मैं आपको और अपने सबसे बेस्ट फ्रेंड्स को भी खो दूंगा।.......

में आपने पढ़ा था कि मेरे दोस्त की हसीन बीवी और मैं डांस कर रहे थे और इसी बीच हम दोनों के बीच चुम्बन का दौर शुरू हो गया. मैंं कामुक होंठों....

हम दोनों चूमाचाटी में खो गए थे. दोनों के होंठ अपना काम पूरी तन्मयता से कर रहे थे. हमारी आंखें बोल रही थीं कि दिल मांगे मोर.....

उसने कहा- राज … लेट्स गो टू रूम.
मैं उसे छेड़ते हुए पूछा- क्यों नीचे आग लग गई है क्या?
वो मेरी छाती पर मुक्का मारते हुए बोली- आग लगाने के बाद पूछ रहे हो कि आग लगी है.

मैंने आगे टुनयाया- बोलो न डार्लिंग … किधर आग लगी है?
वो मुझसे वासना भरी आंखों से घूरते हुए बोली- मेरी चुत में आग लगी है … अब मुझे जल्दी से तुम्हारा लंड लेना है. इससे ज्यादा भी कुछ सुनना है क्या?
मैंने कहा- जान तुम न भी कहतीं, तो भी मैं तुमको चोदे बिना नहीं रहने वाला था.

रितु- वो तो मुझे पहली बार तुमसे मिलते ही समझ आ गया था, जब तुम मुझे अपनी आंखों से चोद रहे थे.
मैं हंस दिया और उसकी चूचियों को मसलते हुए उसे बाहर चलने का इशारा कर दिया.
मुझे भी तो उसकी चुत लेने की पड़ी थी.

मैं अपने दोस्त की बीवी की चुदाई करने के लिए उसे वहां से लेकर निकल गया.
रास्ते में भी हम दोनों की चुम्मा-चाटी चलती रही.

कुछ ही देर में हम दोनों रूम में आ गए. रूम में आते ही हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और बेतहाशा चुम्मा-चाटी करने लगे. इसी दौरान मैंने उसकी शर्ट निकाल दी. अब उसके बड़े मम्मे ब्रा में कैद थे … जिनको में मस्ती से दबा रहा था.

रितु के मम्मों की साइज 38डी की थी. जी हां 38डी … माय गॉड … कितना नसीब वाला था मैं. बस मैं रीना के बड़े बड़े मम्मों को मसलता रहा. मैं उसकी बड़ी चूचियों के कड़क निप्पलों को अपने हाथ की उंगलियों से महसूस कर रहा था.

रितु को किस करते हुए मैं धीरे से बेड पर बैठ गया. अब उसके चूचे मेरे मुँह के सामने थे. मैंने दोनों दूध बारी बारी से खूब चूमे और ब्रा के ऊपर से ही उसके दोनों चूचुकों को मुँह में भर के हल्के से काटा. वो चुदास से पागल हो रही थी और नागिन की तरह लहरा रही थी.

मैंने उसकी ब्रा को निकाला और मम्मों के दर्शन करके मैं धन्य हो गया.

रितु के मम्मे बड़े तो थे ही … पर एकदम गोल और सुडौल भी थे. मसलने में थोड़े से लचीले और दिखने में सख्त मम्मे मेरा नशा बढ़ा रहे थे.

उसके चूचों पर गहरे भूरे रंग के चूचुक उसकी रसभरी चूचियों की छटा में चार चाँद लगा रहे थे. इस वक्त उसके चूचुक उत्तेजना के चलते एकदम कड़क हो चुके थे. यदि साइज़ का जिक्र करूं तो उसके निप्पल तकरीबन पौन इंच से कुछ ज्यादा ही लंबे हो गए थे.

मैंने उसकी आंखों वासना से देखा, वो खुद भी वासना के नशे में थी. उसकी आंखों मानो इशारा करके बोल रही थीं कि मेरे मम्मे खा जाओ.

अब मेरा खेल शुरू हुआ. मैंने उसकी पीठ और चूतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया. अपना मुँह उसके मम्मों के बीच हल्के से रगड़ा, चूचों के निप्पलों के चारों तरफ बारी बारी से चूमा, चाटा.

वो बार-बार अपने निप्पल मेरे मुँह के सामने ले आती, पर मैं निप्पल को खींच कर छोड़ देता. वो हल्के दर्द से सिहर जाती.

अब मैंने रितु को हल्के बाइट देना शुरू किए. बीच-बीच में निप्पल को जीभ से चाटना और अपने मुँह में भरके होंठों में बीच निप्पल दबा लेना. फिर मैं जोर से निप्पल को चूसते हुए मुँह से खींच लेता. वो मचल जाती, सिहर जाती. अब वो पागल हो गई थी.

उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सर पकड़ा और एक स्तन मेरे मुँह में डाल कर बोली- रणदीप तड़पाओ मत … पूरा चूसो इन्हें!

बस फिर क्या था … मेरी कामदेवी मुझे अपने स्तन का अमृत पिलाने लगी थी.
मैं किसी छोटे बालक की भांति उसके स्तन दबा दबा कर चूस रहा था. कभी एक चूची को चूसता, तो कभी दूसरी को मुँह में ले लेता.

इस दौरान मैंने उसकी स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी जांघों को सहलाने लगा. फिर उसके गोल मटोल चूतड़ों पर हाथ घुमाते हुए वहां चपत भी लगाई.

उसने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरी बालों वाली छाती को देखकर बोली- ओह राज, क्या मस्त जिस्म पाया है यार तुमने एकदम जिम फिट बॉडी …

मैं उसकी दीवानगी पर मुस्कुरा दिया और वापिस उसके रसीले चूचों में खो गया.

फिर मैंने उसकी स्कर्ट निकाल कर पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाया.

उसकी चुत का रसीला, चिपचिपा पानी मैं साफ़ महसूस कर रहा था, जिसने मेरी हवस और भी बढ़ा दी.

मैं अब बेड पर लेट गया और उससे बोला- रीना मुझे अपना चुतामृत (चुत का पानी) पिलाओ.

उसने पैंटी उतार कर फैंक दी और पैर फैलाकर मेरे मुँह के सामने अपनी चुत खोल कर बैठ गई.

दोस्तों वो नजारा अद्भुत था, अविस्मरणीय था, निशब्द था.

एक गोरी चिट्टी औरत, मखमली बदन, 38डी की चुचियां … खुले बाल … सफाचट चुत … चुत की खुली हुई फांकें और उसमें से रिसता हुआ रसीला, खुशबूदार, चिपचिपा पानी …

यहीं मुझे उसकी चुत की पूजा का ख्याल आया, जो मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा. अभी तो चुदाई का मजा लेना था.

मैं बस में लग गया उस चुतामृत का पान करने में … मेरी जुबान अपना काम कर रही थी. अनुभवी जो थी … काफी चुतों का पानी छुड़वा चुकी थी. मेरे हाथ उसकी चुत और मम्मों को सहलाते, दबाते … उन पर चपत लगाने में लगे थे.


वो भी आगे पीछे होते हुए चुत रस निकालने की कोशिश कर रही थी. उसकी गांड हिलने से चुत की रगड़ ज्यादा हो रही थी. मैं अपनी जीभ से रितु की चुत के दाने को चाटता, उसे जीभ की नोक से कुरेदता, अपने दोनों होंठों के बीच ले कर दाने को जोर से दबाकर खींचता हुआ मजा ले रहा था.

कुछ पांच मिनट तक ये सब चला. उस दौरान रितु लगातार मादक सीत्कार लेती रही थी. वो मदमस्त गर्म आहें भर रही थी. साथ ही वो काफी कुछ बोल भी रही थी.

‘राज यू आर सो गुड … आह चूसो मेरी चुत को बेबी. आह इसका पानी निकाल दो … उफ्फ राज मुझे बहुत मजा आ रहा है हनी.’

फिर वो पल आया, जब वो जोर से बोली- आह हनी … मैं आ रही हूँ.
मैंने उसके चूतड़ों को जोर से भींचा और उसे आंखों से इशारा कर दिया कि आ जाओ मेरी जान.
वो भलभला कर झड़ गई.

उसकी टांगें भिंच गई थीं. आंखें बन्द हुई पड़ी थीं, बदन अकड़ गया था और मेरा चहेता चुतामृत. … एकदम गाढ़ा, रसीला, नमकीन, गजब की खुशबू के साथ सीधा मेरे मुँह में आ गिरा. मैं उस अमृत को पूरा गटकता चला गया. फिर अपनी जीभ से उसकी चुत में जो थोड़ा बहुत बचा था, वो भी निकाल कर चाट गया.

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वो भी शांत हुई मेरे सीने पर सर रखे लेट गई थी. पूरे रूम में उसकी चुत की खुशबू महक रही थी … हम दोनों बिना कुछ बोले बिस्तर पर पड़े थे.

थोड़ी देर के बाद मैंने उसके माथे की चुम्मी ली और कहा- रितु आई लव यू बेबी … तुमने मुझे बेहद सुकून दिया है.
उसने मेरे सीने के बालों में हाथ फिराया और कहा- लव यू टू हम दोनों फिर से चुम्मा-चाटी में मशगूल हो गए. मम्मों को मसलना दबाना फिर से शुरू हो गया.

फिर मैंने अपनी जींस और चड्डी को निकाल दिया. दोनों बदन पूरे नंगे एक दूसरे को रगड़ रहे थे. मेरा लंड उफान पर था. अब लंड रीना के हाथों में था, वो उसे सहला रही थी, हल्के से खींच रही थी.

फिर वो मुस्कुराई और इठला कर बोली- अब मेरी बारी है हनी.

उसने मेरी टांगों के बीच में जगह बना ली. उसने लंड को मुँह में लेकर हल्के से चूसा और मेरी आंखों में देखते हुए पूरा लंड मुँह में लेकर गले तक भर लिया.

अब तड़पने की बारी मेरी थी. मैं मीठी कराह से बोला- आह रीना अब बस भी करो मेरी जान … मुझे चुत से लंड चुसवाना है.
अब मेरे दोस्त की बीवी की चुदाई का वक्त हो गया था.

वो मेरी बात सुनकर उठी और मेरे ऊपर आ गई. उसने मेरे लंड को अपनी चुत की फांकों में सैट किया और बैठ गई.

हाय मैं मर गया … मेरी रितु की चुत के अन्दर मेरा लंड घुसता चला गया. उसकी कसी सी चुत के स्वर्ग के अन्दर मुझे तरन्नुम मिलने लगी थी. उसकी रेशम सी चुत मेरे लंड को मस्ती से खा रही थी. हम दोनों चुदाई के साथ किस कर रहे थे. मैंने उसके मम्मों को सहला रहा था. कुछ ही पलों में वो बेहद गर्म हो चुकी थी.

उसने मम्मों को हिलाया और कहा- रणदीप लो दूध पियो.

मैं रितु का एक चुचा अपने मुँह में लेकर चूसने चाटने लगा … उसकी चौंच को हौले से काट लेता … फिर दूसरे के साथ भी ऐसा ही करता.

उसकी कामुक सांसें तेज हो रही थीं और वो मस्ती से बड़बड़ा रही थी ‘आह राज चोद दे मुझे … तुम कितने मस्त चोद रहे हो आह … मेरी चुत में कितने अन्दर तक पेल रहे हो … आह … मेरी जान मैं बस जाने वाली हूँ.’

बस कुछ ही पलों में वो न केवल झड़ गई. … बल्कि जबरदस्त झड़ी. उसने चुत के पानी से मेरे लंड को मानो नहला दिया था.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए और ऐसे ही पड़े रहे.

कुछ देर बाद दोनों की सांसें सामान्य हुईं.

तो मैं बोला- तुमको घोड़ी बना कर चोदना है.

उसने मुझे चूमा और तुरंत पोजीशन बना कर कुतिया बन गई. आह उसके बड़े-बड़े गोरे चूतड़ों के बीच उसकी हल्की ब्राउन कलर की गांड मुझे लुभाने लगी थी. नीचे चुदाई से सराबोर खुली हुई चुत . … वाउ..

मैंने तुरंत पोजीशन ली और शुरू हो गया. रितु को मैंने मेरे सामने मुड़ कर देखने को बोला. वो मुझे देखने लगी. मैंने पीछे से चोदते हुए उसके चूतड़ों पर हाथ फेरता और हल्के से चपेट लगा देता.

धकापेल मस्त चुदाई हो रही थी. इस दौरान मैं बोला- रीना, तुम कितना मस्त चुदवाती हो यार … मैं तो तुमको जिन्दगी भर यूं ही चोदता रहूँ.
वो बोली- हां मु झे अब हमेशा चोदना.

Ok सोना मैं भी तो यही चाहता हु ,कुछ समय बाद मैं अपना कपड़ा पहना घर आ गया।

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