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मेरे प्यारे दोस्तो आप सब से दोबारा मिल कर बहुत ज्यादा खुशी हुई और ऐसे ही आपका प्यारा और सहयोग मिला तो इससे भी बेहतरीन Desi sex stories लाता रहूंगा!मैं आपका दोस्त राजाराम गांव का रहने वाला हूं,| मेरा उम्र 15साल हैं मेरा हाइट 5फीट4इंच हैं मै गोरा चिता साला बचपन ही हूं... और लड़की पटाने में मानो महारत हासिल हो |
एक दिन मौसा के घर से फोन आया जल्दी से चले आओ
और फोन काट गया... मेरे समझ में कुछ नही आया और मैं मम्मी को बोला चलो चल कर देखते है ...और मैं बाइक उठाया और मौसी के घर हम चले गए जाने पर पता चला कि नल पर पैर फिसलने से गिर गए और
उनका दाहिना पैर टूट गया था .. गांव से गाड़ी मगायी और पास के निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया | उसने मरहम पट्टी किया बोला आप लोग इन्हें घर ले जाए हम सब इनको लेकर घर चले आए ....
मैं अब घर जाने के लिए बोला तो मौसी बोली की राजाराम तुम कुछ दिनों के लिए रुक जाओ ,क्योंकि मैं अकेली इनका देख भाल नही कर पाऊंगी ,मैं बोला ठीक है मम्मी को घर छोड़ दूं और छोड़ कर वापस आ गया
अब मैं यही रहने लगा फिर मैं ।उनके छोटे भाई की दो बेटी दोनों कसम से एक दम लाजवाब थी।मैं उनकी बड़ी बेटी को देखा तो मुझे पता ही नही चला की कब उसका हो गया ।
गोरा बदन नसीली आंखे गुलाबी गाल और होठों से मानो रस टपक रहे हो ।जिसे देख मन में लड्डू फुटने लगा,उसका फिगर 34,30,32 देख कर दिल में आग लग जाती थी।....
अब मैं उसके पास जाने और उससे बात करने के लिए मचलने लगा। चुकी वह मेरी दीदी थी तो मैं बहाना लेकर बाते करने लगा वह भी मुझसे हस हस के बाते करने लगीं मैं तो खुशी से पागल ही हो रहा था।..
अब हम रोज बाते करते थे।मैं अब रोज समय से मौसा को खाना और दावा डेकर ....
मैं दीदी के पास चला जाता था । दीदी अक्सर टाइट कपडे पहनती थीं,जैसे लैगी कुर्ती, फाराक,सूट,सलवार और कभी कभी जींस टॉप जो दीदी के बदन को चार चांद लगाते थे।
मैं हमेशा इंतजार करता की कब दीदी झाड़ू लगाए ताकि दीदी की गोरी गोरी चूचियां देख सकू, जब वह झाडू लगाने जाती तो मैं तड़प उठता ...
मुझे लगता था की दीदी का जोबन जबरदस्ती कैद हो और बाहर आने को तड़प रहा है।इसके दोनो गुलाबी निपल को देख मेरा लन्ड खड़ा हो जाता और वहा से भागता और बाथरूम में जाकर फायरिंग कर अपने आप को शांत करता।...
ऐसे ही दिन बीतता गया और हम एक दूसरे को जान और समझ गए थे।अब मैं मौका के तलास में था किसी दिन मुड देख कर अपनी दिल की बात बोल दूंगा....
मौका तो बहुत मिला पर डर और रिश्तो के बीच में फस जाता था। मेरे इस हरकत से कही न कही दीदी को भी पता चल गया था की इसके मन में कुछचल रहा है|
एक दिन मेरे मन में एक खुरपाती आईडिया आया बेहोश करने का और मैं दूसरे मौके का तलास करने लगा । पर ऐसे करना ना पड़ा ?...उसका पूरा परिवार उसके मामा के बेटी मतलब उसके दीदी की सादी में जा रहे थे उसको भी जाना था।
ये सोचकर मैं सैड था ।कही न कही उसका भी मन था चुदाने को क्यों की उसका महीना आया था।.. उसने बोला पापा आप चलो मेरे शरीर में दर्द है।
मैं सादी मैं आऊंगी ।...….
पापा- ठीक है बेटा जैसी तुम्हारी मर्जी।
इतना कहकर गाड़ी में बैथे और जाने लगे......
इतना सुनते ही मेरे मन में दीदी को चोदने का सपना सच सा लगने लगा इतना कह के वह चले गए ।
अब दीदी घर मे एकेली थी।.... और मैं ये मौका हाथ से कैसे जाने देता ,,मैं दीदी के पास जाकर चिपकर बैठ गया और प्यार से कंधे पर हाथ रखा और सहलाने लगा .….
और पूछने लगा दीदी आपको कहा दर्द हो रहा है ।दीदी ने बोला की क्या बोलू पूरा ऊपर से नीचे ले दुख रहा हैं। दवाई ली है फिर भी आह्ह्हह दर्द काम नही हो रहा है ।...
दिकत इस बात की है की छोटी और मॉम दोनो नही है ।नही तो तेल मालिश कर देते इतना सुनते ही मैं बोल उठा दीदी लाओ मैं कर देता हूं ।पहले उसने सोचा फिर चलो ठीक है।….
मैं यही तो चाहता था और फिर दीदी को बेड रूम मे ले गया और बोला....
अपनी ये कुर्ती निकल दो उसने जब कुर्ती को उपर उठाया तो मेरी आंखे फटी की फटी रह गईं। फिर क्या ..
मेरा लन्ड खड़ा हो गया। और फिर दीदी उठी अपना हाथ मेरे कंधे पर रखी और झुक कर एक हाथ से अपना लैगी उतरने लगी...
मैं तो उसकी गुलाबी निपल देखता ही रह गया ....मानो जैसे आमंत्रण दे रहा हो चूसने के लिए ।
मैने जैसे तैसे अपने मन को संत किया और फिर बोला दीदी आप लेट जाओ मैं मालिश कर देता हु ....फिर दीदी पेट के बाल लेट गई...
मैने उसके कमर पर तेल डाला धीरे धीरे सहलाते हुए उपर से नीचे तक मलिश करने लगा... वह सिसकारी भरने लगी आउच आह्ह्ह मार गई
मैने धीरे से ब्रा की पट्टी पकड़ी और ब्रा उतार दिया ।
अब प्यासे के सामने मीठा समंदर बस तैर के इस पर जाना है।....
अब मैं बोला दीदी आप पीठ के बाल लेट जाओ दीदी आह्ह्ह्ह भरते हुआ करवट बदली पीठ के बाल लेट गई।
फिर मैं अपने हाथ में तेल लिया दीदी के निपल पे डाला ..और अपने हाथो से सहलाने लगा... मन जाओ ना ठीक है पर किसे से बोलोगे तो नही ना मैं बोला तुम्हारी कसम नही बोलूंगा
अब मैं दीदी की रसीली होथ अपने होठों से चूसने लगा..और मेरा लन्ड दीदी की छूत चाट रहा था।..मैं अपनी अंगुली उसकी चूत में डाला क्या सुकून मिला और डाल कर ऊंगली करने लगा... दीदी जोर जोर से सांसे भरने लगी अब मैं अपनी पैंट और अंडरवियर भी उतारी दी अब दीदी पूरी तरह चुदाने को तैयार थी। अब बर्दास्त नही हो रहा ।अब कितना तड़पाओगे?...
अब मुझे चोद दो आउच आह्ह्ह्ह्ह मैने दीदी का पैर हटाया और छूत चाटने लगा दीदी जोर जोर से चीखने लगी... फिर मैं उठा अपना लाड दीदी की चूत पर रहा और एक जोरदार धक्का मारा...दीदी बहंनचोद मेरी चूत फाड़ डाला ...फिर मैं थोड़ा रुका और फिर जोर से धक्का मरा मेरा 6 इंच का लंड दीदी की चूत चीरते हुए पूरी तरह अंदर घूस गया ... आह आउच मार गई.... आह्ह्ह् ..साला इतना जोजिला कैसे है... तु चोदवा तो सही पता चल जायेगा
अब वह दर्द से तड़प रही थी पर मैं कहा रुकने वाला था ....वह चीखती रही मैं चोदता रहा ..अब उसे भी मजा आने लगा उसने मुझे कस कर पकड़ा ...और मेरा साथ देने लगी...अब मैं खुल के धक्का पर धक्का मरने लगा और वह ...आह्हह आह उह मार गई ...मजा आ रहा है ।और करो मैं प्यासी हूं। मैं उसे ऐसे चोद रहा था मानो मेरी बीबी हो...उसकी चीख सुन कर ऐसा लग रहा था.. कि जन्नत कही तो यही है...
फिर उल्टा लेटाया और पूरा बदन चाटते हुए..अपना खड़ा लंड उसके गाड़ में डाल दिया.. वह तड़पने लगी ..और तड़पते हुए साले कभी गाड़ नही मारी क्या?
उसे बर्दास्त नही कर पाई और उसके आंख से आंसू निकल आए दीदी सायद पहले ही झाड़ गई थी....पर मेरा लौड़ा कहा रुक रहा था ..वह चीखती रही चिलाती रही ...मैं अपने लौड़े पर कूदता रहा ..मैं अपना इच्छा पूरा किया। और उसके अंदर ही झड़ गया ...
ऐसे ही मैं उसे पूरी रात में 6 या 7 बार तड़पा तड़पा कर चोदा......हा उसे भी पता चल गया होगा .. कि मेरा भी चुदकड़ भाई है..अब मुझे जब भी मन करता दीदी को बुला लेता या मैं पहुंच जाता।...चोदने के लिए
मैं ऐसा तब तक किया जब तक की उसकी सादी नही हो गया ।।......
इसी के साथ मैं आपसे विदा लेता हूं।
आप सबको दिल से
धन्यवाद...