मेरी यह कहानी मेरी मासी की लड़की जिसका नाम रानी है ,जो मेरी बहन थी,जिसका सादी मेरे पास के गांव में हुआ था ।उसका पति सादी एक साल बाद ही विदेश चला गया।इसलिए मेरी बहन अब प्यार के लिए तड़प रही थी,जो मुझपे ही टूट पड़ी।।
मेरे दीदी की फिगर ऐसी थी, 36 की छाती 32की पतली कमर 36 की गाड़ क्या मस्त मटक कर चलती थी । चमकता चेहरा ,काली आंख ,लिपिस्टिक से लिपटी हुई मुलायम होंठ , ऐसी थी दीदी की मस्त जवानी।
जिसको पटाने के लिए लड़के क्या क्या नहीं करते।
मैं तैयार हुआ मार्केट से मिठाई लिया और दीदी के घर पहुंच गया ,वहा गया तो घर पे मम्मी जी और पापाजी थे ,बाकी जीजा के दो भाई बाहर नोकरी करते थे। इसलिए घर पर 3 ही लोग रहते थे।
मैं दीदी से मिलने उसके रूम की और गया और आवाज लगाई दीदी कहा हो,भाई अंदर आ जाओ ,मैं दरवाजा खोला और अंदर गया तो ,जो मैने देखा मेरे तो होश ही उड़ गया । मानो 440 बोल्ट का झटका लगा हो।
मैं तुरंत बाहर निकल आया दीदी बोली क्या हुआ बाहर क्यों चले गए ,मैं हिचकिचाते हुए बोला दीदी आप में बताया नही की आप कपड़ा चेंज कर रही हो। कोई नही आ जाओ।
मैं अंदर तो गया पर मुझे बार बार वही याद आ रहा था।दीदी ने मुझे देखा तो दिखती ही रह गई,तुम तो बड़े और स्मार्ट हो गए हो।और मुझे वासना की नजरो से देखने लगी ।
मैने पूछा दीदी क्या देख रही हो,उसने बहाना बनाते हुआ बोली कुछ नहीं।
अब मैं दीदी से कुछ समय बात किया और ,....
अब मैं दीदी से बोला की मैं घर जा रहा हु दीदी ने बोला क्यों ये तुम्हारा घर नही है। ऐसी बात नही है दीदी ।
दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और रोकने लगी,तभी पापा जी बोले अभी तो आए हो आज नही जाना है।
मैं रुक गया मार्केट से चिकन लाए बना ,सब बैठ के एक साथ खाना खाया ,बाते किए और दीदी अपने बेड रूम में बिस्तर कर दिया ।। ......
और मैं लेट कर उससे बात करने लगा तभी दीदी बोली भाई एक बात बोलूं करेगा,क्यू नही बोलो तो सही,भाई मेरे कमर में दर्द है , ये उसका दावा है प्लीज लगा दो ना।
ठीक हैं दीदी दो लगा देता हु। दीदी नीली कलर की नाइटी पहन रखी थी ।उसमे क्या वह hot लग रही थी।....
मैने नाइटी धीरे धीरे उपर सरकने लगा । उसके मुलायम चिकनी टांगों को देख मेरा मन मेरे ही बस में न रहा ।
अब मैं उसने जांघो को धीरे धीरे सहलाने लगा ।
दीदी को भी मजा आ रहा था ,वह जोर जोर से सांस लेने लगी,दीदी का दर्द गया भाड़ में अब तो मैं खुद दर्द देने वाला था। दीदी भी तो यही चाहती थी।
मैने भी दीदी की नाइटी खोल दी ,क्या सीन था ,नीली ब्रा और ब्लैक पेंटी पहनी हुई थी।
मैं ज्यादा समय न बर्बाद करते हुए,मैं उसके होठों पर टूट पड़ा,मैने उसके होठों को जोर जोर से चूसने लगा ,
वह तड़प रही थी, वह पूरी तरह गर्म हो गई थी,मैं पूरा जोस के साथ उसके पूरे बदन को चाटने लगा ,
फ़िर मैं उसके चूचों को जम कर दबाने लगा, वो ‘आह आह्ह’ करने लगी। उसके गुलाबी गुलाबी निप्पल बहुत प्यारे दिख रहे थे। उसको मैं अपने दांतो से काटने लगा।
वो जोर से आह्ह करने लगी, बोली- ‘जम कर दबाओ मुझे आज जवान लड़की बना दो।’
मैंने अपना मुख उसके चूत पर रख दिया और चाटने लगा। चूत की खुशबू बहुत प्यारी थी। मैंने एक घण्टे तक उसकी चूत चाटी।
वो मदहोश हो गई, वो बोली- ‘मेरी चूत फाआड़ दो आह आह आह् और जमम केईई।’
मैंने अपना लण्ड उसके चूत पर रख दिया। एक गर्म लोहे की सलाख की तरह जल रहा था मेरा लण्ड।
वो बोली ‘कितना गर्म है तुम्हारा लण्ड।’ मैंने होल पे रखा और पुश किया। वो चिल्लाई।
मैंने फ़िर घुसेड़ा, लेकिन मेरा लण्ड छेद से बाहर निकल गया। वो बोली ‘जा के पहले सीख कर आओ फ़िर मेरी चूत फ़ाड़ना।’
मुझे गुस्सा आया। मैंने उसकी टांगो को फ़ैलाया और लण्ड डाल दिया।
वो चिल्लाई, बोली ‘मत करो बहुत दर्द हो रहा है।’ लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था वो दर्द से चिल्ला रही थी। ‘आह्ह नहीई धीरेए प्लीलीज सीई!’
थोड़ी देर बाद वो मदमस्त हो गई और बड़े प्यार से लेने लगी और बोली, ‘मेरे राजा जरा जम के चोदो, मजा आ रहा है।’
वो समझ गई और मैं फ़िर चोदने लगा बहुत मजा आ रहा था। फ़िर मैंने उसके दोनों बूबस के बीच में लण्ड रगड़ने लगा। बहुत मजा आ रहा था,
दीदी मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- अब और नीचे मत ले।
मैंने दीदी से पूछा- क्यों?
दीदी तब मेरे हाथों को और ज़ोर से पकड़ते हुए बोलीं- नीचे अपना हाथ मत ले जाओ, अभी उधर बहुत गंदा है।
मैंने झट से दीदी को चूम कर बोला- गंदा क्यों हैं? क्या तुम झड़ गईं।
दीदी ने बहुत धीमी आवाज़ में कहा- हाँ, मैं झड़ गई हूँ।
मैंने फिर दीदी से पूछा- दीदी मेरी वजह से तुम झड़ गईं हो?
‘हाँ’ सोनू, तुम्हारी वजह से ही मैं झड़ गई हूँ। तुम इतने उतावले थे कि मैं अपने आप को संभाल ही नहीं पाई।’ दीदी ने मुस्कुरा कर मुझसे कहा।
मैंने भी मुस्कुरा कर दीदी से पूछा- क्या तुम्हें अच्छा लगा?
दीदी मुझे पकड़ कर चूमते हुए बोलीं- मुझे तुम्हारी चूची चुसाई बहुत अच्छी लगी, और उसके बाद मुझे झाड़ना और भी अच्छा लगा। दीदी ने आज पहली बार मुझे चूमा था।
दीदी अपने कपड़ों को ठीक करके उठ खड़ी हो गईं और मुझसे बोलीं- सोनू, आज के लिए इतना सब काफ़ी है, और हम लोगों को घर भी लौटना है।
फ़िर उसके चूत चाटने लगा। फ़िर चूत में उंगली डालने लगा। फ़िर 8 इंच लम्बा लण्ड डाल दिया।
वो बोली ‘फ़ाड़ दो राजा आह।’ 20 मिनट तक चोदने के बाद वो ठण्डी होने लगी थी।
मेरा माल भी गिरने वाला था। मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसके मुख में डाल दिया।
ऐसे ही मैं कई बार दीदी के साथ सेक्स किया ,मानो मैं उसका पति और ओ मेरी बीबी हो
मैने दीदी की गांड़ मारी इस कहानी को सुनने के लिए निचे comment में जरूर लिखे,....